कान में नीम का तेल डालने से कान दर्द या बहने की समस्या ठीक हो जाती है। नीम का तेल तेज गर्म करके जला लें इसे थोड़ा ठंडा करके कान में कुछ दिन तक नियमित रूप से डाले
नीम का दातुन नियमित रूप से करने से दांतों में पाये जाने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे मसूडे मजबूत व दांत चमकीले और निरोग होते हैं।
जले हुए स्थान पर नीम का तेल या पत्तों को पीस कर लगाने से आराम मिलता है। नीम की पत्तियों और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसलिए कटे हुए स्थान पर नीम का तेल लगाने से टिटनेस का भय नहीं रहता।
पीलिया में नीम का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। दो भाग नीम की पत्तियों का रस या छाल का क्वाथ और एक भाग शहद मिला कर पीने से पीलिया रोग में काफी फायदा होता है।
पथरी की समस्या से बचने के लिए लगभग 150 ग्राम नीम की पत्तियों को 1 लीटर पानी में पीसकर उबाल लें। इस पानी को सामान्य होने पर पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से पथरी निकल सकती है।
नीम डायबिटीज की रामबाण दवा है। सुबह के वक्त नीम का सत्व या जूस लेने से डायबिटीज नियंत्रण में रहती है।
नीम की पत्तियों का रस पीने से खून साफ होता है जिससे चेहरे की कांति बढ़ती है।
नीम एक बेहतरीन हेयर कंडीशनर भी है, नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर और पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में शहद मिलाकर इसे बालों में लगाने से रूसी की समस्या खत्म होती है और बाल बहुत ही मुलायम और चमकीले भी हो जाते हैं।