Rajkummar Rao Film Srikanth Review : बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकारों में से एक राजकुमार राव की नई फिल्म ‘श्रीकांत’ 10 मई 2024 को बड़े पर्दे पर रिलीज हो गयी है। फिल्म में राजकुमार दृष्टि बाधित इंडियन इंडस्ट्रिलिस्ट श्रीकांत बोला का किरदार निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह एक बायोपिक है, जिसकी कहानी काफी ज्यादा प्रेरणादायक है। आईये आपको बताते हैं कि 2 घंटे 2 मिनट की फिल्म श्रीकांत कैसी है और क्या आपको यह फिल्म बड़े पर्दे पर देखने के लिए जाना चाहिए या फिर नहीं।
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Rajkummar Rao Film Srikanth Review : फिल्म श्रीकांत की कहानी
फिल्म श्रीकांत की कहानी एक लड़के के जन्म के साथ शुरू होती है। लड़के की किलकारी सुन माता-पिता दोनों खुशी से झूम उठते हैं, लेकिन उन्हें उस समय उन्हें झटका लगता है, जब पता चलता है कि उनका बेटा जन्म से ही अंधा है। श्रीकांत के माता-पिता उसकी जिम्मेदारी उठाते हैं और उसे अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं। श्रीकांत पढ़ाई में होनहार है और वह कक्षा दसवीं में साइंस विषय में एडमिशन लेना चाहता है। आंखों से ना देख पाने की वजह से उसे एडमिशन नहीं दिया जाता।
एडमिशन ना हो पाने की वजह से श्रीकांत अपनी टीचर की सहायता से एजुकेशन सिस्टम पर केस करता है, जिसमें उसे जीत हासिल होती है। अब भी श्रीकांत के जीवन में परेशानियां कम नहीं हुई थी। लगातार पढ़ाई के दौरान उसे कई अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब वह आईआईटी में दाखिला लेने के लिए आवेदन करता है, तो वहां भी उसके आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है।
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श्रीकांत हार नहीं मानता और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान में से एक MIT अमेरिका के लिए आवेदन कर देता है। यहां श्रीकांत को एडमिशन मिलने के बाद उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। इसके बावजूद भी उसके सामने कई सारी चुनौतियां आती हैं। किस तरह से इन परेशानियों का सामना कर श्रीकांत खुद का बिज़नेस खड़ा करता है। यह देखने के लिए आपको यह फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर जाना होगा।
Rajkummar Rao Film Srikanth Review : कलाकारों का अभिनय
राजकुमार राव अपने अभिनय से हमेशा ही कुछ खास कमाल कर दर्शकों के दिल में जगह बनाने में कामयाब होते हैं। इस बार भी उन्होंने श्रीकांत के रोल को बखूबी भी निभा कर दर्शकों का दिल जीता है। उन्होंने नेत्रहीन किरदार को निभाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। किस तरह से असल जिंदगी में नेत्रहीन लोग बात करते हैं, उनकी आंखों की गतिविधि कैसी होती है, इन सब पर राजकुमार राव ने अच्छी तरह से काम किया है, जो कि बड़े पर्दे पर उनके अभिनय के दौरान साफ दिखाई देता है।
राजकुमार के अलावा शिक्षक के रूप में दिखाई दी ज्योतिका ने भी पूरी ईमानदारी के साथ अपने रोल को निभाया है। इससे पहले वह फिल्म ‘शैतान’ में दिखाई दी थी, जिसके लिए उनकी काफी तारीफ भी हुई थी। अलाया, श्रीकांत की लव इंटरेस्ट की भूमिका में दिखाई दी हैं। वह भी अपने रोल में काफी अच्छी दिखाई दी हैं। शरद केलकर भी श्रीकांत के दोस्त के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में दिखे हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की भूमिका में जमील खान का काम भी अच्छा है।
Rajkummar Rao Film Srikanth Review : कैसा है फिल्म का निर्देशन
तुषार हीरानंदानी के द्वारा फिल्म ‘श्रीकांत’ का निर्देशन किया गया है। उन्होंने इस बायोपिक का निर्देशन बखूबी किया है। इस फिल्म को उन्होंने पॉजिटिव अंदाज में पेश किया है। बेवजह फिल्म से इमोशनल दृश्य को नहीं जोड़ा गया है, जिस वजह से यह फिल्म आपको बिल्कुल भी बोरिंग नहीं लगती।
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फिल्म के दृश्यों को ज्यादा लंबा खींचने की भी कोशिश नहीं की गई है। इसका पहला हाफ आपको ज्यादा एंटरटेनिंग लगेगा। हालांकि इसके दूसरे हाफ में कुछ सीन ऐसे हैं, जो थोड़े स्लो नजर आते हैं, लेकिन क्लाइमेक्स तक ‘श्रीकांत’ एक अच्छी फिल्म बनकर तैयार हो जाती है। राजकुमार के द्वारा बोले गए डायलॉग भी काफी दमदार हैं, जो कि दर्शकों को पसंद आएंगे।
Rajkummar Rao Film Srikanth Review : फिल्म देखना चाहिए या नहीं
बॉलीवुड में पिछले कुछ सालों से बायोपिक फिल्मों के बनने का सिलसिला बढ़ गया है। रियल किरदारों पर आधारित इन फिल्मों को दर्शक पसंद भी करते हैं। हालांकि कई बायोपिक काफी बोरिंग भी बनकर तैयार होती हैं, लेकिन श्रीकांत के साथ ऐसा नहीं हुआ। यह फिल्म बायोपिक होने के साथ ही एंटरटेनिंग भी है, जो आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरेगी। साथ ही यह आपको इंस्पायर भी करेगी। किस तरह से श्रीकांत नेत्रहीन होने के बावजूद कई सारे असाधारण कार्य करके दिखलाता है, यह बड़े पर्दे पर देखने लायक है। ऐसे में आपको बिल्कुल भी फिल्म श्रीकान्त को सिनेमाघर जाकर मिस नहीं करना चाहिए।